(गणतंत्र दिवस पर भारत के एक गण का नजरिया) हमारे प्रधानमंत्री ईमानदार हैं, बेहद इतने कि उनकी ईमानदारी पर कभी शक नहीं किया जा सकता तब भी नहीं जबकि उनकी सरकार बेइमानियों, भ्रष्टाचार और घोटालों की सरताज सरकार बनने की जिद ठाने दिखाई दे रही है... सबकुछ पर शक कर सकते हैं लेकिन हमारे प्रधानमंत्री की ईमानदारी पर शक नहीं, कतई नहीं तब भी नहीं जबकि उनकी सरकार के दो बार के कार्यकाल में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं दुगने से ज्यादा की दर से बढ़ी हैं और महंगाई तो न जाने कितने गुना... बावजूद इसके न तो आप हमारे प्रधानमंत्री की ईमानदारी पर शक कर सकते हैं और न ही उनकी नैतिकता पर सवाल क्योंकि महंगाई बढ़ने की जिम्मेदार उनकी सरकार नहीं रोटी-मजूरी के मोहताज वे गरीब हैं जो ज्यादा खाने लगे हैं, ज्यादा खर्चने लगे हैं ये किसी और का नहीं हमारे ईमानदार प्रधानमंत्री की सरकार का ही बयान है ...प्रधानमंत्री जी माना आप बेहद ईमानदार हैं लेकिन क्या करेंगे ऐसी ईमानदारी का कहां-कहां ओढ़ेंगे, कहां-कहां बिछाएंगे आपको अपनी इस ईमानदारी पर शर्म क्यों नहीं आती ? और शर्म ...