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Showing posts from December, 2011

अभिनय की नई परिभाषा गढ़ती बिंदास बालन

हिंदी सिनेमा में मौजूदा दौर की अभिनेत्रियों के बीच अगर तुलना की जाय तो विद्या बालन उनमें सबसे अलग और अलहदा कही जा सकती हैं. खूबसरत, बिंदास और संजीदा अभिनय की बेहतरीन बानगी. उन्हें परदे पर देखना अच्छा लगता है, क्योंकि वो अभिनय नहीं करती अपने किरदार में उतर जाती हैं. विद्या बालन खूबसूरत हैं और हिंदी सिनेमा के ट्रेंड के तहत किसी अभिनेत्री के कामयाब होने के लिए इतना काफी है. लेकिन ये ट्रेंड विद्या बालन पर लागू नहीं होता. बाकी अभिनेत्रियों की तरह बालन को रूपहले परदे की खूबसूरत गुड़िया बनने से परहेज है. और इसीलिए वो तभी किसी फिल्म में काम करने को राजी होती हैं, जब उन्हें किरदार में दम दिखाई पड़ता है. अगर रोल दमदार नहीं है तो वो बड़े से बड़े बैनर को ठुकराने में देर नहीं लगाती. विद्या ने विशाल भारद्वाज की फिल्म डायन इसीलिए छोड़ दी क्योंकि उनके मुताबिक फिल्म में उनके करने के लिए कुछ नहीं था. डर्टी पिक्चर की कामयाबी ने विद्या बालन के करियर में एक और नगीना जड़ दिया है. वो अपनी समकालीन अभिनेत्रियों से कोसों आगे दिखाई देती नजर आ रही हैं. अभिनय में भी और बोल्डनेस में भी. जिस रोल को करने में बड़ी-ब...