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कुछ यादें, कुछ बातें

मैंने चुराया था तुम्हारे लिए
कुछ धूप, कुछ चांदनी
कुछ सुबह, कुछ शाम
घर-परिवार और दोस्तों से थोड़ा वक्त
और खुद से अपने दिल का एक कोना
...लेकिन ये तुम्हारे कोई काम न आ सके
सारी चुराई चीजें रह गई मेरे पास
आज भी धरी हैं उसी तरह
और पड़ रही हैं जिंदगी पर भारी...

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