मेरे प्रिय कवि पाश ने कहा है, ‘सबसे खतरनाक होता है सपनों का मर जाना’ लेकिन दोस्त, इससे कम खतरनाक नहीं होती सपनों की मौत से पहले की प्रक्रिया उम्मीदों का एक-एक कर ध्वस्त होते जाना जैसे बेबस जिंदगी एड़ियां रगड़ते हुए तिल-तिल कर दम तोड़ देती है दोस्त, ये भी कम पीड़ादायक नहीं होता... एक सपने के टूटने के बाद, आंखों में दूसरा सपना पालना और फिर उसे भी छन से टूटकर बिखरते देखना सपने देखने और उनके टूटने के अंतहीन सिलसिले से गुजरना दोस्त, ये भी कम त्रासद नहीं होता... सपनों का मर जाना वाकई खतरनाक होता है लेकिन जबतक सपने, आखिरी हिचकी लें जिंदगी कई मौत मर जाती है फिर न जीने की इच्छा बचती है और न मौत की आरजू होती है... यकीन मानो मेरे दोस्त, ये भी कम खतरनाक नहीं होता...